‘हिंदी के बढ़ते कदम’ विषय पर हिन्दी विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का सफ़ल आयोजन

14-सितंबर-2021 देवनागरी महाविद्यालय बुलंदशहर में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित राजभाषा दिवस के अवसर पर ‘हिंदी के बढ़ते कदम’ विषय पर एक दिवसीय वेबिनार आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता कुमारी मायावती राजकीय महाविद्यालय, बादलपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रश्मि ने कहा कि हिंदी को लेकर हमें हीनता बोध से ग्रस्त नहीं होना चाहिए। उन्होंने यूरोपियन देशों का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां पर पढ़ाई करने के लिए उस देश की भाषा सीखनी होती है, जबकि भारत में ऐसा नहीं है। हिंदी का उत्सव एक दिन में न मना कर वर्षभर चलने वाली प्रक्रिया होनी चाहिए।

मुख्य वक्ता एमएमएच डिग्री कॉलेज गाजियाबाद के हिंदी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ क्रांतिबोध ने संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी समाज की भाषा बन चुकी है, लेकिन उसे सत्ता की भाषा और न्याय की भाषा बनाया जाना अभी शेष है। हिंदी के प्रति प्रेम का कारण बाजार में वस्तुएं बेचने की संभावनाएं तलाशना है। बाजार संभावनाओं के रूप में हिंदी बढ़ रही है जबकि रोजगार सृजन में हिंदी पिछड़ रही है। उच्च शिक्षा तथा शोध में अंग्रेजी का प्रयोग हो रहा है तथा रोजगार देने वाले प्रोफेशनल कोर्सेज की भी भाषा अंग्रेजी है। हिंदी एक लोकतांत्रिक भाषा है जो सभी को समाहित करती है। उर्दू के साथ राजनीति के कारण हिंदी के प्रसार को रोक दिया गया है। उन्होंने मातृभाषा को बढ़ावा देते हुए हिंदी की बोलियों को भी एक स्वतंत्र भाषा के रूप में विकसित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भाषा और बोली का अंतर संबंध स्पष्ट करते हुए कहा कि बोलियों का स्वतंत्र रूप से विकास किया जाना चाहिए। जब तक हिंदी बाजार पर नियंत्रण स्थापित नहीं करेगी तथा अंतरराष्ट्रीय रोजगार, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार तथा रोजगार की भाषा नहीं बनेगी तब तक हिंदी को उचित स्थान नहीं दिलाया जा सकता।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ ममता शर्मा ने कहा कि हिंदी को संपर्क भाषा तथा रोजगार की भाषा बनाने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है। कार्यक्रम के संयोजक संदीप कुमार सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए राजभाषा, राष्ट्रभाषा तथा संपर्क भाषा के बीच अंतर को स्पष्ट किया और हिंदी के बढ़ते कदम पर विस्तृत चर्चा की।

धन्यवाद ज्ञापन डॉ पुष्पेंद्र कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर डॉ अवधेश कुमार सिंह, पीयूष त्रिपाठी, डॉ विनय कुमार सिंह, भवनीत सिंह बत्रा, नवीन कुमार, नरेश कुमार, कृष्ण कुमार, विनीता गर्ग तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।