देवनागरी महाविद्यालय गुलावठी बुलंदशहर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. योगेश कुमार त्यागी ने कहा कि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिरुचि का विकास किया जाना चाहिए। भारत विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में अनुसंधान करके पुनः विश्व गुरु बन सकता है। पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि भारत अब सांप-सपेरों का देश नहीं है बल्कि विगत 75 वर्षों में हमने विज्ञान के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां हासिल की है। विनीता गर्ग ने रूस और यूक्रेन के मध्य चल रहे युद्ध में प्रयुक्त होने वाले नाभिकीय हथियार में संपन्न होने वाली नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन की घटना को विस्तृत रूप से समझाया। डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया विज्ञान की नई-नई खोजों द्वारा हम अपने भविष्य की समस्त आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। नरेश कुमार ने सी.वी.रमन की उपलब्धियां और उनके द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में दिए गए योगदान रेखांकित किया।
बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा हिमानी सिरोही ने बताया कि प्रकृति के नियम को समझना ही विज्ञान है। छात्रा यासमीन ने बताया कि हम नए-नए आविष्कार करके भारत का नाम विश्व में रोशन कर सकते हैं। मंच का संचालन बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा प्रज्ञा कंसल और आर्य यादव ने किया। इस अवसर पर अतुल तोमर, अवधेश कुमार सिंह, संदीप कुमार सिंह, नवीन कुमार, कृष्ण कुमार प्राध्यापक तथा केशव कुमार, नूपुर कंसल, निशी विधूड़ी,राज, खुशी, कीर्तिका चौधरी, रजनीश कुमार आदि विद्यार्थी उपस्थित रहे।