प्राचीन महादेव बड़ा मंदिर, गुलावठी में चल रहे देवनागरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के पाँचवें दिन की शुरूआत मंदिर प्रांगण की साफ सफाई से की गई। कार्यक्रम का प्रथम सत्र ‘टीवी बीमारी जानकारी ही बचाव है’ थीम पर आधारित था। डॉ. अरुन कुमार ने टीवी बीमारी के लक्षण तथा इससे बचाव के तरीकों को विस्तार से बताते हुए कहा कि टीवी बीमारी के शुरुआती लक्षण सूखी खांसी आना, कमजोरी महसूस करना, भूख न लगना हैं। इससे सबसे अधिक फेफड़ा प्रभावित होता है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को सही समय से इलाज मिल जाता है तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाता है। डॉ. हिमांशु राना ने कहा कि इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के थूंक के सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति भी इससे संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति से दूरी बनाकर रखना चाहिए। डॉ. उर्वसी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज निःशुल्क किया जाता है।दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि कपिल कुमार पारासर, डायरेक्टर, व्योम डिजिटल सर्विसेज, बुलंदशहर ने व्यावसायिक शिक्षा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार विभिन्न प्रकार के कौशल कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को प्रशिक्षित करती है। इसके माध्यम से हम अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। स्वयंसेविका गुंजन ने ‘बहुत जरूरी होती शिक्षा, सारे अवगुण धोती शिक्षा’ कविता के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा के महत्व को बताया। स्वयंसेवक संकेत गोयनका तथा स्वयंसेविका पायल भिंडवाल और जैनब ने व्यावसायिक शिक्षा पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम अधिकारी अवधेश कुमार ने कहा कि हमें अपने आस-पड़ोस के व्यक्तियों को इस बीमारी के लक्षण तथा इससे बचाव की सही जानकारी देकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कार्यक्रम सह अधिकारी संदीप कुमार सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेविका साधन शर्मा ने किया। इस अवसर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, गुलावठी के डॉ. अरुण कुमार, डॉ. उर्वसी, हिमांशु राना, पुष्पेंद्र कुमार मिश्र, भवनीत सिंह बत्रा, विनय कुमार सिंह, दीपक बंसल, विनोद सैनी तथा प्रशांत सेन मंगवाने उपस्थित रहे।