31.10.2021 भारत के पहले गृहमंत्री एवं उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर देवनागरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुलावठी में एक वेबीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता आर जी पीजी कॉलेज मेरठ की प्राचार्य प्रोफेसर निवेदिता मलिक ने अपने व्याख्यान में बताया कि भारत में राष्ट्रीय एकता की चुनौतियों को सरदार पटेल की दृढ़ इच्छा शक्ति द्वारा निपटा जा सकता है। राष्ट्र एक सांस्कृतिक, भौतिक एवं आध्यात्मिक अवधारणा है। स्वाधीनता के समय विभिन्न देशी रियासतों का एकीकरण सरदार पटेल की सूझबूझ एवं इच्छाशक्ति द्वारा किया जा सका। देसी रियासतों के पास यह विकल्प उपलब्ध था कि वह भारत में मिल जाएं, पाकिस्तान में मिल जाएं या स्वतंत्र रूप से संप्रभु देश के रूप में व्यवहार करें। परंतु, सरदार पटेल की कुशलता के कारण सभी रियासतों का भारत में एकीकरण पूर्ण किया जा सका। प्रोफेसर मलिक ने सिक्किम तथा पूर्वोत्तर के साथ जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रीय एकीकरण की कुछ चुनौतियों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक एकीकरण के लिए भाषाई एकीकरण आवश्यक है। इसके लिए शिक्षाविदों एवं विद्यार्थियों को सम्मिलित रूप से प्रयास करना चाहिए। छोटे स्तर की समस्याएं चुनौतियां न बनने पाए इसके लिए नौकरशाही तथा राजनीतिक नेतृत्व को सरदार पटेल की इच्छा शक्ति के साथ उनका मुकाबला करना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार ने की। वेबिनार का सार पीयूष त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन विनीता गर्ग ने कियया। संचालन सांस्कृतिक परिषद के मुख्य संयोजक डॉ पुष्पेंद्र कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर डॉ अवधेश कुमार सिंह, हरिदत्त शर्मा, भवनीत सिंह, संदीप कुमार सिंह,नवीन कुमार, डॉ विनय कुमार सिंह, नरेश कुमार तथा बड़ी संख्या में छात्र छत्राएँ उपस्थित रहे।