देवनागरी महाविद्यालय, गुलावठी में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण तथा क्विज का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
अपने संदेश में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार त्यागी ने कहा की विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना तथा पर्यावरण को बचाने वाली तकनीकों का जीवन में अधिक से अधिक प्रयोग करना है।
क्विज के संयोजक तथा रसायन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विनय कुमार सिंह ने कहा कि हम प्लास्टिक के प्रयोग को कम करके पर्यावरण को बचाने में उल्लेखनीय योगदान दे सकते हैं।
आइक्यूएसी के संयोजक पीयूष त्रिपाठी ने कहा की पर्यावरण विनाश से वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है तथा ग्लेशियर पिघल रहे हैं।
सांस्कृतिक विभाग के मुख्य संयोजक डॉ पुष्पेंद्र कुमार मिश्र ने कहा की अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पर्यावरणीय न्याय को प्रमुखता दी जाने लगी है।
शारीरिक शिक्षा विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अवधेश कुमार सिंह ने कहा की पर्यावरण अनुकूल तकनीकी अपनाकर हम अपने ग्रह को बचा सकते हैं।
हिंदी विभाग के संदीप कुमार सिंह ने कहा कि पर्यावरण की चेतना साहित्य की एक प्रमुख धारा रही है। हिंदी विभाग के डॉ हरीश कसाना ने अनुपम मिश्र की किताब आज भी हरे हैं तालाब से उदाहरण देते हुए कहा कि छोटे-छोटे हस्तक्षेप से पर्यावरण को बचाया जा सकता है।
इस अवसर पर भूपेंद्र कुमार, अंकित गोयल तथा लगभग सौ से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे।