देवनागरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गुलावठी के हिंदी विभाग द्वारा ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मनाया गया। इस अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार त्यागी ने की। उन्होंने महाविद्यालय की छात्राओं को राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहाँ बालिकाओं ने अपनी क्षमता का लोहा न मनवाया हो। डॉ. विनीता गर्ग ने बालिकाओं को राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यदि परिवार या समाज में बालिकाओं के साथ भेदभाव हो रहा हो तो हमें उसका विरोध करना चाहिए। पीयूष त्रिपाठी ने कहा कि बालिकाओं को अपने ऊपर विश्वास रखना चाहिए कि वे किसी से कमजोर नहीं हैं। अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि बालक-बालिका में भेदभाव नहीं करना चाहिए। हरिदत्त शर्मा ने कहा बेटियाँ दोनों आँखों की रोशनी के समान होती हैं। डॉ. हरीश कुमार कसाना ने मैथिलीशरण गुप्त की कविता ‘नर से भारी नारी, एक नहीं दो-दो मात्राएं भारी’ कविता के माध्यम से नारी की महत्ता को व्यक्त किया।
इस अवसर पर छात्रा अर्पिता गोयल ने ‘बेटा आज है लेकिन आने वाला कल हैं बेटियाँ’, छात्रा अरमिश ने ‘जननी हूँ, जीवन भी मैं, जज्बातों पे जोर नहीं’ तथा छात्रा अनम मलिक ने ‘कभी किसी की बहन बनकर उसकी कलाइयों पर राखी बाँधी’ कविता का वाचन किया।
कार्यक्रम का संचालन संदीप कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर भवनीत सिंह बत्रा, नवीन कुमार तोमर, कृष्ण कुमार, शशि कपूर, अमित कुमार तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।