देवनागरी महाविद्यालय गुलावठी बुलंदशहर में आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के अंतर्गत भारत विभाजन विभीषिका दिवस का आयोजन किया इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार त्यागी ने कहा कि भारत विभाजन दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है।
डॉ पुष्पेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि भारत में अंग्रेजों की फूट डालो और नीति करो नीति के कारण ही भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश तीन अलग देशों के रूप में अस्तित्व में आए।
पीयूष त्रिपाठी ने कहा कि विभाजन की त्रासदी कई पीढ़ियों तक आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास को पीछे करती है।
संदीप कुमार सिंह ने फिल्मों तथा कला के माध्यम से विभाजन की त्रासदी को प्रस्तुत किया।
डॉ विनय कुमार सिंह ने स्वतंत्रता के तत्काल बाद भारत सरकार द्वारा शरणार्थियों की समस्या के लिए किए गए प्रयासों को प्रस्तुत किया।
डॉ महेंद्र कुमार ने कहा कि अंग्रेजों के विभाजन की नीति के बाद भी भारत सेकुलर राज्य के रूप में स्थापित हुआ जबकि पाकिस्तान की स्थापना एक इस्लामी गणतंत्र के रूप में की गई।
हरिदत्त शर्मा ने भारत विभाजन को बीसवीं सदी की सबसे बड़ी त्रासदी बताया।
इस अवसर पर नरेश कुमार, भूपेंद्र कुमार, अंकित गोयल, विवेक कुमार, अर्जुन सिंह,राजा गौतम, साधना शर्मा, हिमानी शर्मा, टीसा, नूपुर, राधिका, वर्षा, अर्चना तथा बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।